ऐस जवाने ख़ून तसाडा, कीता नाल नादानी अश्के सीमित मारी इस दी, कर बैठा दीवानी ज़ोरी ख़ून किराया इस थीं, चा चुका ज़नानी मौत ओहदी सी एस दे हथों, लिखी क़लम रब्बानी जट फ़क़ीर मुक़द्दम होया, मौज़ा विच पिलाके कहंदे भीनो क़तल किराया, वेरी चा चुकाके वेरी कूलों वीर को हावन, बुरे रनां दे कार्य हथें ज़हर पिला खपावन, ख़ावंद यार प्यारे कद किसे दी सकी्य हुई, जिसने नार सदाया से बरसां उग पूओजे कोई, फिर साढ़े हथ लाया नूर हया हिदायत वाला, बुरका गर्द जिन्हां दे सो क्यों नारें गंएए भाई, मर्द ईमान तनहां दे के होया जय चेहरा साडा, हो गया मुर्दा वां जिस दी नीयत मर्दां वाली, सोईओ मर्द सच्चा वां नारें सो जो शहवत भरीयाँ, ताड़न डंड जवानां इक चखन फिर दूजा रखन, लक्ख्াन बुरा पुराना खेखन थीं कर ख़ौफ़ मुहम्मद, बाहर निकल इस गलीयों बुरयां थीं बरयाई निकले, है भलियाई भुलैयों उऩ्हां गलां थीं है के लभदा, ऐब क़सीदा करना अपना आप सँभाल मुहम्मद, जो करना सो भरना