ਸੈਫ਼ਾਲ ਮਲੂਕ

ਪੁੱਤਰ ਦਾ ਜਵਾਬ

शाहज़ादे सिंगल पीओ दी ,रोरो आह चलाई
कहनदा बाबुल तूओं भी मीनूओं लद्ध्াा खरा सुदाई

दलित दुनिया दस दस ठग्गें ,अंदर पाड़ ना तकदा
घर दर तख़्त वलाएत केहड़ा ,सकहा है छिड सकदा

तख़्त वलाएत कारन शाहाँ, केते कैड कुशाले
शाहनामे सिकंदर नामे, वेख् लड़ाईयां वाले

इंद्र बाहर अश्के रुद्ध्াा ,द-ए-सदा नईं तुसानों
माल खज़ाने कीकर भावन ,इक गया जीओ जानों

ना में झल्ला ना में कुमला, सुभ कुझ समझां जानां
पर कुझ दिवस ना में पर बाबुल, होया रब दा भाना

लिक्ख्াे लेख अज़ल दे केहड़ा ,कर तदबीर मिटाए
कई अमीर वज़ीर सियाने ,इस तक़दीर भुलाए

क्यों तूओं तुहमत देवें बाबुल, जान नादान अयाना
जय कोई लेख अव़्वल दे मीटे मर्दी, उस दी जानां

फेर शहज़ादा होया चुपीता, ख़ूओनी हुंजों टुरियां
इंद्र छुरियां कुप्पन दिल नूओं, मारे आहें बरुयां

मार उसास कहे हुन किचरक, रक्ख्াां ढक ग़ुबारे
दिल कहनदा में का हिला होया ,कढ ईहा धूवां धारे