ਖੋਜ

ਮਹਿਬੂਬ ਦਾ ਖ਼ਾਬ ਦੇ ਅੰਦਰ ਮਿਲਣਾ ਤੇ ਮਿਲਣ ਦਾ ਰਾਹ ਦੱਸਣਾ

भला भुला जीओ आयों इशिका ,मकर फ़रेबी यारा हक़ दिन सुलह बनावें आपूं, आप करें जंग भारा कदे सियाना करें सुदाई, दे के मस्त प्याला कदे झुल्य् नूओं शर्बत दे के, तुरत करें सुध वाला जां दिलबर दी ज़ुल्फ़े अंदर, मारें गंढ हुस्न दी ख़फ़काने दे सिंगल अंदर, पेन सियाने बंदी जां ओह गंढ कुशादी कर दे, फटे देन सफ़ाई बलदा फेर चिराग़ अक़ल दा, लग पेंदी रुशनाई सैफ मलूओक हक़ रातें आहा, ख़ाली होशों सब्रों ग़श ग़मां दिए अंदर सुत्ता,कुन डोरे हर ख़बरों मत कोई जाने सुत्ता आहा, ग़ैर वलों दिल सोया दर्दां थीं आराम ना आवे ,बुहता दुखिया होया पट्टे वाल घत्ते सिरघट्टा, रुन्ना घुत कहाएं सज्दे पै सजन नूओं कहनदा ,सुन अर्ज़ां दल য৒ब लाएंगे होश क़रार मेरा तुध खड़िया ,इशरत यएश जवानी गुम दे के ग़मख़वार ना होइयों, दिल खड़के दिल जानी नशतर मार मुहब्बत वाली, सुरत ना ली्योई मुड़ के जय में जाइतुसाडी जानां, पुहंच रहां ढहा कुड़के सैर शिकार करेंदा ख़ुशियां ,क़ैद अंदर तुध पाया दानिशमंद शहज़ादा नामी, झल्ला नाम धराया ना में यार कहावन लायक़, नाहीँ तुसां प्यारा गोला कर के रुख बंदे नूओं, इन मुल्ला बेचारा क़दर तेरा घट जांदा नाहीँ, जय रक्ख्াीं कर गोला कर आज़ाद मीनूओं इस रंजों ,झोल महर दा झूला मेरे जेड ना होवे कोई, दुनियातय दुखियारा जगतय नाम मलामत जोगा, वट्टे दार नकारा आओगण मेरे तक तक माई, जम के पिच्छ्াो तानदी बाबुल नूओं फ़र्ज़ंदी मेरी, नंग पई नित लांदी निकर चाकर आपो अपने, गए हिकला्अ सुट्् के यार अशनाना तकदा कोई अख्, मेरे विल पिट के कैसी उग लगाईवई मीनूओं ,सड़ेवसि वांग्र कक्ख्াां तुसां ना पास पर तो तोड़े ,आस तुसाडी रक्ख्াां दिलबर उगे अर्ज़ां करदा, सं गया शहज़ादा दिल नूओं बू-ए-सजन दी आई, मस्ती चढ़ी ज़-ए-यादा ख़्वाबे अंदर नज़री आयोस ,सूओरत मूओरत वाली के कुझ सिफ़त सुनावां उस दी, शरह बयानों आली सैफ मलूओके ख़्वाबे अंदर, पल्ला उस दा फड़िया रत्तूओरो निमाना आशिक़, पैरां उप्पर झड़िया कहनदा है माशूओक़ा तुध बन, बुहत निमाना सड़या मन सवाल मुहम्मदबख़शा ,सट ना जाएं उड़िया जिस ईहा सूओरत जोबन दित्ते, क़िस्म तीनोओं उस रब दी केहड़ा शहर वलाएत तेरी ,दियें निशानी सुभ दी अपना आप दुस्सह लीं मीनूओं ,दस पकेरी पावें किस रस्ते में टुरां तुसां विल, ख़ुशकी या दरयावें सूओरत ने फ़रमाया जय कर, इस विच मतलब तेरा शार स्तान सुनहरी अंदर ,बाग़ इरम में डेरा शाह शाहपाले दी में बेटी, परियाँ दी शाहज़ादी हुस्न जमाल मेरी है माई, महर अफ़रोज़ा दादी जय तूओं मेरा यार कहावें ,इश्क़ तेरे दिल वसीह मेरे बाझ ना होर क़बूओलीं, रहें ना फाही फ़सीह हक़ मुहब्बत मेरी सुन्नदा, रक्ख्াीं वांग अमानत करें ना जूओठा मुना प्यारों, पुहंचें बाझ ख़ियानत मत जानें माशूओक़ मेरे नूओं, मूओल नहीं परवाहां दिल पर-दाग़ तुसाडा दाइम, मेल मुहब्बत चाहां मैं परी तूओं आदम-ए-ख़ाकी, पर चिता साडा उड़िया नित उडीक शताबी आवें ,न्दएएं पै के उड़िया फ़अत तजिद॒नी॒ मियां ,मैं मजूओद तुसानूओं मेरे बाझ ना चाहें दूओजा, लैसें लभ इसानूओं मैं तय आप मुहब्बत तेरी ,तुध थीं कुझ ज़-ए-यादा ताहें आप सदावां तीनोओं ,झबदे आ-ए-शहज़ादा ख़ुशकी रस्ते पुहंच ना सिक्सें ,ठेल नदी विच बेड़े लहर इश्क़ दी मान मुहम्मदऒ, छोड़ तमामी झेड़े नदी मजाज़ समंद हकानों,खड़सी राह ओले बेड़ा भुज होवेगा टूटे ,कद साबित संग चले रूओह शहज़ादा नदी परम दी ,बेड़ा जान बदन नूओं जानी नाल मिलें तुध जानी, करें शिकस्ता तन नूओं ख़ुशकी रस्ता ख़ुशक इबादत ,बन सोज़ों बन दर्दों ईहा इबादत मुलकी भाई, नाहीँ आरिफ़ मुर्दों मुँदे हुक्म इबादत कर दे ,शर नहीं नफ़सानी यार सोई जिस इश्क़ कमाया, ईहा दलित इंसानी अश्के कारन आदम कीता, महरम यार यगाना आहे मलिक इबादत जोगे, के हाजत अंसा नाँ ख़िदमतगार हुक्म दिए बंदे ,बुहत आहे सुलताने जो कम फ़र्ज़ अयाज़े उत्ते, होर कोई के जाने रख घोड़े दी वॉग मुहम्मद, फेर पिच्छ्াे कर फेरा इस मैदान कवाइयद जोगा ,है के बादिर तेरा सूओरत दिलबर दी जद पाईआं, ख़्वाबे अंदर झातां आख सुनाईआं आशिक़ ताएं, पत्ते निशानी बाताँ जान पई तन मुर्दे ताएं ,उघ्घ्াड़गईआं अक्ख्াां होशां सुरत संभालां होईआं, हिक्स हिक्स थीं लक्ख्াां इस ख़्वाबे शाहज़ादिए ताएं, दिति उगे वाली होश जन्दु वित्तिय सब्र दिले विच ,तन क़ूओ्वत मुख् लाली इस लैला विच सुत्ते आशिक़ ,होके मजनूओं झुल्य् ख़ाबों ले होशयारी उठ्ठ्াे, जागे बख़्त सोले पी्या प्रीत दुसाली अपनी ,दिल अंदर जोश आया फेर नौवीं सर अक़ल खड़ाया, दानिशतय होश आया करे आवाज़ ग़ुलामां ताएं, जागो साथी दुख दिए देऊ मुबारक बाप मेरे नूओं, ख़बर सुनेहे सुख दिए दानिश अक़ल दत्ता रब मीनूओं, सुक्की नहर वगाई आओ सिंगल लाहो मेरे , विल होया सुदाई आसिम ईहा मुबारक सुन के, चाया ख़ुशी कमाले हो बेहोश गया कोई साअत, जां आया विच हाले जिस घर बेटा कैदी आहा, इस घर गया शताबी पढ़ शुक्राना सिंगल लाहे, हुए करम वहाबी उंगल फड़ के आन बहाया, उप्पर तख़्त सुनहरी सोहने सुभ इकठ्ठ्াे हुए ,बैठे ला कचहरी हानि यार लगे रुल बेठन ,कोल चुने दिए तारिए हुस्न खेडन बाताँ कर दिए ,शहज़ादे संग सारे गुलो गुल हलांदे जानदे ,हर हर शहर मुल्क दी मुड़ मुड़ के ओह गुल मुहम्मद ,बाग़ उरमूल ढुकदी

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ਮੀਆਂ ਮੁਹੰਮਦ ਬਖ਼ਸ਼ Picture

ਮੀਆਂ ਮੁਹੰਮਦ ਬਖ਼ਸ਼ ਇਕ ਸੂਫ਼ੀ ਬਜ਼ੁਰਗ ਤੇ ਸ਼ਾਇਰ ਸਨ। ਆਪ ਦੀ ਪੈਦਾਇਸ਼ ਖੜੀ ਸ਼ਰੀਫ਼ ਜਿਹਲਮ ਦੀ ਏ ਜਦ ...

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