ਸੈਫ਼ਾਲ ਮਲੂਕ

ਰੁਕੇ ਦਾ ਮਤਨ

सर-नामे दा नाम सच्चे दा, कीता कारज जिस ने
किन ओहदी दा कोई ना वाक़िफ़ ,भीत लभ्भ्াे सुभ किस ने

सुभ खज़ाने हथ ओसे दे ,चाबख़्शे जिस भावी
नफ़रों शाह करेतय शाहाँ, सिफ़रों आओकड़ पावे

राह फद्दां नूओं लोक मुसाफ़र ,सुभ ग़रीब बदेसी
हर हक़ दा ख़समाना ओसे, जो लखिया सौ देसी

मुश्किल पावन वाला आपूं, आपूं है हल करदा
आशिक़ नूओं ला रोग परम दा ,मेल सजन विल करदा

सुखियां नूओं ओह दुख सुहावे ,पावे वख़त अमेरां
उडदे पंखी क़ैद किराए ,च्छ्াडे सख़्त इसीरां

जाने जैसी दलित सच्ची, जिस दा मिल ना पेन्दा
देंदा मुफ़्त हैवानां ताएं, जां भावी तां लेंदा

ख़ाकों सूओरत सुंदर कर के, फेर रुलाए घटे
फुल खिड़ाए बूओटी वचों, फेर पत्र खोह सटे

सिप्पां अंदर मानक मोती, मुद्दत क़ैद करानदा
क़ैदों कढ नवाज़े ओहनां, बुहता मुल तरानदा

अँटे व-ए-चौ ं पंखी करदा, दे के पर उडारे
पत्थ्াर वचों लाल बनावे ,रातों देना खुला रे

मेरे जैसे आजिज़ बंदे ,तख़्त देवे सुलतानी
वाह क्रीम मुह्हमदबख़शा ,मैले विछड़े जानी

इस थीं पच्छ्াे सुन शहज़ादे ,कर के फ़िक्र निहाईत
मैं फ़ग़फ़ूओर शहज़ादा आली, वाली चयन वलाएत

कहनदा तीनोओं सच्च दुस्सह लीं, किन कोई तूओं बंदा
कित्थ्াों आयों कित्थ्াे जाना, केहड़े शहर वसंदा

जय तूओं मर्द सुदागर आइयों ,पास तेरे के भर्ती
किस कम इतना लश्कर तंबो, मिल लुई जिस धरती

जय तूओं कोई ग़नीम इसाडा,लेन वलाएत चिड़ीयों
लश्कर सुने मिरेसें पुल विच ,या सिंगल पा कड़ीयों

तेग़ मेरी थीं कोई ना बुचिया, दुश्मन जिस कहाया
तूओं भी सर नज़राना तारन, पास मेरे ले आया

जय तूओं किरण लड़ाई आयों, लोढ़ें ज़ोर उज़्मा या
जान ख़मीर तेरा सी उथे, लश्कर सुने समाया

सार हथियार तैयार कराईं ,चाढ़ सवार मरेले
जान जहान मैदान मेरे विच, कर कुर्बान सवेले

जय तूओं कोई शख़्स सैलानी, सैर किरण नूओं आया
चीन शहर तूओं डिठ्ठ्াा नाहीँ, के फिर सैर कमाया

जय तूओं शाह इकबालां वाला, कच्छ्াन लगों समुंद्र
आब हयाती वे कम होसी ,मरिसें वांग सिकंदर

तूओं शहज़ादा अज़मत वाला, सुनीयों बुहत चंगेरा
जय तुध तलब मिलन दी होवे ,में भी भाई तेरा

ना कोई जंग ख़सूओमत एवें, नाहीँ वीर क़दीमी
दुश्मन नाल कर्रां में ज़ोरा, याराँ नाल हलीमी

ना दुश्मन ना दोस्त होवे ,होवे कोई तर फ़ेनी
घर आए दी कर्रां तवाज़ो ,जानां दोस्त ऐनी

सच्ची गुल सुना शहज़ादे ,के सबब इस राह दा
केहड़ा तख़्त वलाएत तेरी ,बेटा हैं किस शाहिदा