ਸੈਫ਼ਾਲ ਮਲੂਕ

ਮਲਿਕਾ ਬਦਰਾ ਦੀ ਆਮਦ

रुख़स्त कर के फेर शाहज़ादा, डेरे अपने आया
मलिका बदरा माँ ओहनां दी, आमुड़ फेरा पाया

शाहज़ादा ताज़ीमां कर के, नीयों नीयों होया सलामी
मुना बकुल विच ले के बैठा, ज्यूँ ग़मनाक तमामी

मलिका ने फ़रमाया शाहा, जा-ए-नहीं अया ग़म दी
गई हिजर दी रात हुन अया तक, सुबह वस्ल दी धमदी

ईहा जागह ख़ुशहाली वाली, छिड अंदेशा भारा
थोड़ा जैसा सब्र करें तां, मलसी यार प्यारा

चौदां बरसां अंदर जो तुध, पीते ज़हर प्याले
सब्र करें तां विट्टन होसन ,शर्बत शहिदे वाले

आहू राह-ए-इश्क़ दे अंदर, नाहीँ ना-उमीदी
काली राते वचों निकले, ओड़क रोज़ सफ़ेदी

शाहज़ादे ने बे-दिल होके, कर के मुँह कर माना
मलिका नों फ़रमाया बी-बी, क़ौल तेरे के जानां

के तकरार मेरे संग कर के, देव तसां मरवाया
दिन दिन सब्र दुस्सह लू अगों, जां ओह वेला आया

कचरक तोड़ी झूठ मुदारा ,कचरक तुरसी ठग्गी
ओड़क तसें जवाब देवगे, परी ना ऑखे लगी

इज कल परी तसाडे घर विच, फिर भी क़ौल ना पालो
जां उड्् बाग़-ए-इरम विच जासी, कीकर मैनों दुस्सह लू

फेर तसें हो बहसो सच्चीयाँ, सब्र करासो में नों
मुड़ आवन दे शाह परी नों, दरसन देसी तीं नों

बस मेरा किझ विस ना चलदा, के तुसाडा खोहना
लसे दा के ज़ोर मुहम्मद, नस जाना या रोना

उठ खुलियां ओह सभ्भव जनियां, कर के गर्म तैयारी
जा बदी जमाल-ए-परी नों, आखँ वारू वारी

मलिका बदरा मिन्नत ज़ारी, तरले बे शुमारे
करकर थकीयाँ शाह परी ने, मूल ना केत्ती आरे

माँ ओहनां दी सड़ के बोली, है धीए शाह परईए
अड्डा मान गुमान ना करईए, डाढे कूलों डरएए

रब तकब्बुर भावी नाहीँ, चूओर करे मग़रूरां
जादूगर उस्मान चुरू का, लाह चुका कई ऊओहरां

जिस विल नाल हक़ारत तकिए, कर के क़ब्र अंदर दा
चाहे तां विस पावे उसदे, लाड के ज़ोर और दा

ओड़क दुद्ध्া मेरा तिध पीता, हद दुद्ध्াां दी भारी
मेरी बी इक गुल ना मनी्य, लोक तसें हत्यारी

सानों अया जवान शिज़ादा, बहता है दिल पुड़िया
शाला तेरा इस दा होवे, लेख धुराओं जुड़या

परी कहियो के होया माई, जय चित्त तेरे लगा
पर मेरे अया लायक़ नाहीँ, ना कोई पुछा उगा

राहियों राह चलेंद्यां ताएं, मुफ़्त दीदार ना देसां
होर कोई फ़र्माइश कर्सिव, सर बर चशम मनेसां

सभनां कहियो साडे पिछे, दे दीदार इक वारी
रख उम्मीद इत्ते पत साडी, करें मर वित्त भारी

मलिका खातों मिन्नत कर दी, मुड़ ठोडी हथ लाए
मन सवाल इसाडा भीने, फ़िक्र दले दा जाये

कुसुम तीनों इस दुध दी जीहड़ा, पेतो माँ मेरी दा
दे दीदार ऊहनों ओह पक्का ,आशिक़ शक्ल तेरी दा

सख़्ती सफ़र मुसीबत भारी, महिज़ झिल्ली तिध कारन
ना उम्मीद होया मर जासी, भुला ना आजिज़ मारन

शाह परी मुँह पक्का कर के, मत्थे नों वट पाया
नामुहर्रम नों मुँह ना द-ए-साँ, क्यों तिध जी इक्का या

मलिका खातों रोअन लगी ,मैं हिन् झूठी हुई
उथे ओथे हाँ शर मंदी, किसे जहान ना ढोई

इस घर आवन नालों मैनों, क़ैद आही ओह चुंगी
या दरिया अंदर डुब मर्दी ,मौत लभ्य इज मंगी

गिल इसाडी तिध ना मनी्य, क़ीमत क़दर ना पाया
''टर-टर करो तुसीं हम सुनते'', ओहो लेखा आया

शान तेरे दा के घट जांदा, सूरत दा के घसदा
जोबन हुस्न तेरे नों बी-बी, कोई ना आहा खसदा

के होया इक वारी तूं भी, साडी गुल मनेंदी
माई बी तिध राज़ी होंदी, जय एक दरसन देंदी

ग़ुस्से हो परी भी कहनदी, लोक तसें हत्यारे
मर्द बेगाना दीहो कुवारी, इयहू भाई चारे

ऐसे कारन माई मैनों, बन के माँ धरम दी
घर अपने सिद्वा नदी रहनदी, ख़बर ना ऐस भरम दी

माई भली इसाडी माई, बदरा भली सहेली
घर विच सद करवाया विल छल, ख़ूब तसां गुल मैली

जय कर माँ पियो मेरे जाँन, अया मंसूबा बाज़ी
फेर ज़रूर तसां विल टोरन, नाल मुहब्बत ताज़ी

जय अकवारी पर्दे कजे, बाग़-ए-इरम विच जावां
ऐस तसाडी नीयती पिछे, काहिनों मुड़ के आवां

लाजवाब होयायाँ इस सुखनों, मावां धियां तराए
मुद्दत दी गुल रखी जा गहे, तरोड़ ना रब किराए

मलिका रौंदी वेख् मायनों, बहुत लगा दिल मंदा
ग़सह्ा गच अंदर विच आया, हो चुका हिन् धंदा

अख्ें लाल रुतो भर आयां, मारे नय्यर उछले
ग़ज़ब अलंबे तन-मन कुन्बे, रुस घिरे विल चले

दिल विच कहियो बदी जमाले, अंत नहीं अया चुंगी
माँ कहियो दुध पीता इस दा, रुस चली कर तंगी