ਸੈਫ਼ਾਲ ਮਲੂਕ

ਇਸ਼ਕ ਦੀ ਤਰਗ਼ੀਬ

तौबा किरण उत्ते जद होया, इस्तिग़फ़ार करेंदा
हुई ख़बर इशक़ नूओं आया ,मॉरो मार करेंदा

तौबा नूओं उस कुन फड़ाए ,फिर भी उथे वुड़्सें
कौन कोई तूओं आजिज़ होके, शाहाँ उगे चढ़सीं

अश्के दा रुख़ वेख् मुहम्मद, होवन फैल प्यादे
मतीं लगे ना उठ वग्गे, के मुकदूओर शहज़ादे

बिल्ली बन के वड़दा यारो, शेर अंदर जा बंदा
ख़ूओन लिए बन हाड़ ना च्छ्াडे, सदा बहादुर रन दा