ज़िंदगी तूं में कदे हरिया नहीं

ज़िंदगी तूं में कदे हरिया नहीं
मारना चाहेअ ओहनां मरिया नहीं

ज़िंदगी ने है डराया वार वार
मौत तूं लेकिन कदे डर या नहीं

मैं खुला तेरा भरां गा किस तरह
आप ही ऊना भरया नहीं

पार लाया रश्तियां नों फ़ख़र है
विखरी गुल आप त्रिया नहीं